
गुजरात ने H3N2 वायरस के कारण अपनी पहली मौत की सूचना दी, एक 58 वर्षीय महिला। इसके साथ ही भारत में मरने वालों की संख्या सात हो गई।
गुजरात में 58 वर्षीय एक महिला की एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।
इसके साथ, H3N2 वायरस के कारण भारत में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई। देश में सबसे पहले H3N2 से मौत की सूचना कर्नाटक के हासन जिले में एक 82 वर्षीय व्यक्ति की थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में एच3एन2 वायरस के 451 मामले सामने आए हैं। इसने यह भी कहा कि यह स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और महीने के अंत से मामलों में कमी आने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि H3N2 और अन्य इन्फ्लूएंजा संक्रमण मौसमी हैं और सरकार मामलों में स्पाइक को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार कर रही है।
ICMR ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को इस इन्फ्लूएंजा के प्रकोप में स्व-दवा और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचने के लिए कहा है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, एच3एन2 एक गैर-मानव इन्फ्लूएंजा वायरस है जो आमतौर पर सूअरों में फैलता है और मनुष्यों को संक्रमित करता है।
लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं और इसमें बुखार और श्वसन संबंधी लक्षण जैसे खांसी और नाक बहना, और संभवतः शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य लक्षण शामिल हो सकते हैं।